BEMS Full Form in Hindi बीईएमएस की फुल फॉर्म क्या है?

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BEMS पूर्वी चिकित्सा और सर्जरी में स्नातक

BEMS Full Form in Hindi

BEMS Full Form in Hindiबैचलर ऑफ इलेक्ट्रो होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी

BEMS का परिचय

BEMS Full Form in Hindi – बीईएमएस (BEMS) का पूरा नाम “बैचलर ऑफ इलेक्ट्रो होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी” होता है। यह एक वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति है जो होम्योपैथी के सिद्धांतों पर आधारित है, लेकिन इसमें बिजली के उपकरणों का भी उपयोग किया जाता है। यह कोर्स उन छात्रों के लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है जो प्राकृतिक चिकित्सा में रुचि रखते हैं और रोगियों को एक समग्र उपचार प्रदान करना चाहते हैं।

BEMS  क्या है?

BEMS  एक 4.5 साल का अंडरग्रेजुएट कोर्स है जिसमें छात्रों को इलेक्ट्रो होम्योपैथी के सिद्धांतों और तकनीकों के बारे में सिखाया जाता है। इस कोर्स में छात्र शरीर रचना, शरीर क्रिया विज्ञान, रोग विज्ञान, औषध विज्ञान और इलेक्ट्रो होम्योपैथिक चिकित्सा के सिद्धांतों का अध्ययन करते हैं।

BEMS  कोर्स का उद्देश्य

BEMS  कोर्स का मुख्य उद्देश्य छात्रों को इलेक्ट्रो होम्योपैथिक चिकित्सक के रूप में प्रशिक्षित करना है। इस कोर्स के माध्यम से छात्र रोगियों का निदान और इलाज करने में सक्षम हो जाते हैं।

BEMS  कोर्स के लाभ

  • प्राकृतिक उपचार: BEMS  एक प्राकृतिक उपचार पद्धति है जो शरीर की स्वयं की उपचार क्षमता को बढ़ावा देती है।
  • व्यक्तिगत उपचार: BEMS  में प्रत्येक रोगी को व्यक्तिगत रूप से उपचार दिया जाता है।
  • कम दुष्प्रभाव: BEMS  में दवाओं के दुष्प्रभाव बहुत कम होते हैं।
  • कई रोगों का इलाज: BEMS  का उपयोग कई प्रकार के रोगों के इलाज में किया जा सकता है।

BEMS  कोर्स के लिए पात्रता

BEMS  कोर्स में प्रवेश के लिए छात्रों को 12वीं कक्षा विज्ञान विषयों (भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान) के साथ उत्तीर्ण होना आवश्यक है।

BEMS  कोर्स का सिलेबस

BEMS  कोर्स में निम्नलिखित विषय शामिल होते हैं:

  • शरीर रचना
  • शरीर क्रिया विज्ञान
  • रोग विज्ञान
  • औषध विज्ञान
  • इलेक्ट्रो होम्योपैथिक चिकित्सा के सिद्धांत
  • निदान
  • उपचार
  • क्लिनिकल प्रशिक्षण

BEMS  करने के बाद करियर के अवसर

BEMS  करने के बाद छात्र निम्नलिखित करियर विकल्प चुन सकते हैं:

  • इलेक्ट्रो होम्योपैथिक चिकित्सक
  • होम्योपैथिक क्लिनिक खोलना
  • होम्योपैथिक कंपनी में काम करना
  • होम्योपैथिक शिक्षक

BEMS  कोर्स कहाँ से करें?

BEMS  कोर्स भारत के कई कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में उपलब्ध है।

BEMS का निष्कर्ष

BEMS  एक रोचक और चुनौतीपूर्ण करियर विकल्प है। यदि आप प्राकृतिक चिकित्सा में रुचि रखते हैं और रोगियों को एक समग्र उपचार प्रदान करना चाहते हैं, तो BEMS  आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है।

YouTube Link:-

https://youtu.be/ZUM7TtJzEXA?si=pNj9uoUy_ZJLwx45

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

  1. BEMS  का पूरा रूप क्या है? 

BEMS  का पूरा रूप बैचलर ऑफ इलेक्ट्रो होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी है।

  1. BEMS  क्या है? 

BEMS  एक वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति है जो होम्योपैथी के सिद्धांतों पर आधारित है, लेकिन इसमें बिजली के उपकरणों का भी उपयोग किया जाता है।

  1. BEMS  कोर्स करने के लिए क्या योग्यता होनी चाहिए? 

BEMS  कोर्स में प्रवेश के लिए छात्रों को 12वीं कक्षा विज्ञान विषयों (भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान) के साथ उत्तीर्ण होना आवश्यक है।

  1. BEMS  करने के बाद क्या करियर विकल्प होते हैं? BEMS  करने के बाद छात्र इलेक्ट्रो होम्योपैथिक चिकित्सक, होम्योपैथिक क्लिनिक खोलना, होम्योपैथिक कंपनी में काम करना या होम्योपैथिक शिक्षक बन सकते हैं।
  2. BEMS  कोर्स कितने साल का होता है? 

BEMS  कोर्स 4.5 साल का होता है।

  1. BEMS  कोर्स में क्या पढ़ाया जाता है?

 BEMS  कोर्स में शरीर रचना, शरीर क्रिया विज्ञान, रोग विज्ञान, औषध विज्ञान, इलेक्ट्रो होम्योपैथिक चिकित्सा के सिद्धांत, निदान, उपचार और क्लिनिकल प्रशिक्षण जैसे विषय पढ़ाए जाते हैं।

  1. BEMS  कोर्स कहाँ से करें?

 BEMS  कोर्स भारत के कई कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में उपलब्ध है।

  1. BEMS  करने के क्या फायदे हैं?

 BEMS  करने के फायदे यह है कि यह एक प्राकृतिक उपचार पद्धति है, व्यक्तिगत उपचार प्रदान करती है, कम दुष्प्रभाव होते हैं और कई रोगों का इलाज किया जा सकता है।

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