सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (PSU) भारत की आर्थिक रीढ़
PSU kya hota hai
PSU Full Form in Hindi
PSU Full Form in Hindi | सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम |
PSU का परिचय
PSU kya hota hai – सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (PSU) वे उपक्रम होते हैं जिनका स्वामित्व सरकार के पास होता है। ये उपक्रम देश के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। भारत में, PSU विभिन्न क्षेत्रों में सक्रिय हैं, जैसे कि ऊर्जा, बैंकिंग, बीमा, दूरसंचार, परिवहन आदि। इस लेख में हम PSU के बारे में विस्तार से जानेंगे।
PSU का अर्थ और महत्व
PSU का पूरा नाम पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग है। ये सरकारी कंपनियां होती हैं जो विभिन्न आवश्यक सेवाएं प्रदान करती हैं। PSU का महत्व निम्नलिखित है
- आर्थिक विकास: PSU देश के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे रोजगार सृजन, पूंजी निवेश और बुनियादी ढांचे के विकास में योगदान देते हैं।
- सामाजिक कल्याण: PSU सामाजिक कल्याण के कार्यों में भी सक्रिय रहते हैं। वे गरीबों और वंचित वर्गों के लिए आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं को सस्ते दाम पर उपलब्ध कराते हैं।
- राष्ट्रीय सुरक्षा: कुछ PSU रक्षा उत्पादों का निर्माण करते हैं और इस प्रकार देश की सुरक्षा में योगदान देते हैं।
- आर्थिक स्थिरता: PSU अर्थव्यवस्था को स्थिर रखने में मदद करते हैं। वे बाजार में प्रतिस्पर्धा को बनाए रखते हैं और मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।
PSU के प्रकार
PSU को विभिन्न प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है, जैसे कि
- महारत्न कंपनियां: ये PSU सरकार के लिए सबसे महत्वपूर्ण होते हैं और इनके पास अधिक स्वायत्तता होती है।
- नवरत्न कंपनियां: ये PSU भी सरकार के लिए महत्वपूर्ण होते हैं और इनके पास महारत्न कंपनियों की तुलना में कम स्वायत्तता होती है।
- मिनीरत्न कंपनियां: ये PSU छोटे और मध्यम आकार के होते हैं और इनके पास कम स्वायत्तता होती है।
PSU का गठन
PSU कंपनी अधिनियम, 1956 के तहत गठित किए जाते हैं। इनके गठन के लिए सरकार को एक अधिनियम पारित करना होता है। PSU के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में सरकार के प्रतिनिधि और निजी क्षेत्र के विशेषज्ञ शामिल होते हैं।
PSU के सामने चुनौतियाँ
PSU के सामने कई चुनौतियाँ हैं, जैसे कि
- अकुशलता: कुछ PSU अकुशलता से ग्रस्त हैं और वे निजी क्षेत्र की कंपनियों की तुलना में कम कुशल होते हैं।
- राजनीतिक हस्तक्षेप: PSU पर अक्सर राजनीतिक हस्तक्षेप होता है, जिससे उनके कामकाज में बाधा उत्पन्न होती है।
- वित्तीय बोझ: कई PSU घाटे में चल रहे हैं और सरकार को उन्हें सब्सिडी देनी पड़ती है।
PSU का भविष्य
भारत सरकार PSU को सुधारने के लिए कई कदम उठा रही है। सरकार का लक्ष्य PSU को अधिक कुशल और प्रतिस्पर्धी बनाना है। विनिवेश और निजीकरण जैसे उपायों के माध्यम से सरकार PSU में निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाना चाहती है।
PSU का निष्कर्ष
PSU भारत की अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे रोजगार सृजन, पूंजी निवेश और बुनियादी ढांचे के विकास में योगदान देते हैं। हालांकि, PSU के सामने कई चुनौतियाँ भी हैं। सरकार को PSU को सुधारने के लिए निरंतर प्रयास करने होंगे।
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FAQs PSU के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
PSU का पूरा नाम क्या है?
PSU का पूरा नाम पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग है।
PSU का महत्व क्या है?
PSU देश के आर्थिक विकास, सामाजिक कल्याण और राष्ट्रीय सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
PSU के प्रकार क्या हैं?
PSU को महारत्न, नवरत्न और मिनीरत्न कंपनियों में वर्गीकृत किया जा सकता है।
PSU का गठन कैसे होता है?
PSU कंपनी अधिनियम, 1956 के तहत गठित किए जाते हैं।
PSU के सामने क्या चुनौतियाँ हैं?
PSU के सामने अकुशलता, राजनीतिक हस्तक्षेप और वित्तीय बोझ जैसी चुनौतियाँ हैं।
सरकार PSU को सुधारने के लिए क्या कर रही है?
सरकार विनिवेश और निजीकरण जैसे उपायों के माध्यम से PSU को सुधारने का प्रयास कर रही है।
PSU का भविष्य कैसा है?
सरकार के सुधारों के बाद PSU का भविष्य उज्जवल दिख रहा है।
क्या सभी PSU घाटे में चल रहे हैं?
नहीं, सभी PSU घाटे में नहीं चल रहे हैं। कुछ PSU लाभ कमा रहे हैं।
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