लोअर सेगमेंट सिजेरियन सेक्शन (LSCS) एक विस्तृत समझ
LSCS full form in medical in hindi
LSCS Full Form in Hindi
LSCS Full Form in Hindi | लोअर सेगमेंट सिजेरियन सेक्शन |
LSCS का परिचय
LSCS full form in medical in hindi – लोअर सेगमेंट सिजेरियन सेक्शन (LSCS) एक शल्यक्रिया है जिसमें गर्भाशय के निचले हिस्से में एक चीरा लगाकर शिशु को जन्म दिया जाता है। यह प्रक्रिया प्राकृतिक प्रसव के विकल्प के रूप में की जाती है जब प्रसव के दौरान जटिलताएं उत्पन्न होती हैं या जब मां या बच्चे के स्वास्थ्य के लिए खतरा होता है। LSCS को सी-सेक्शन के नाम से भी जाना जाता है।
LSCS क्यों किया जाता है?
LSCS विभिन्न कारणों से किया जा सकता है, जिनमें शामिल हैं
- मां या बच्चे के स्वास्थ्य के लिए खतरा: यदि मां या बच्चे के स्वास्थ्य के लिए कोई खतरा है, जैसे कि गर्भनाल का दबाव, प्लेसेंटा की स्थिति में समस्या, या मां में कोई बीमारी, तो LSCS किया जा सकता है।
- प्रसव में देरी: यदि प्रसव में देरी हो रही है या प्रसव की प्रक्रिया धीमी गति से हो रही है, तो LSCS किया जा सकता है।
- शिशु का बड़ा आकार: यदि शिशु बहुत बड़ा है और प्राकृतिक प्रसव के माध्यम से जन्म लेने में सक्षम नहीं है, तो LSCS किया जा सकता है।
- पिछले सी-सेक्शन: यदि महिला का पहले सी-सेक्शन हुआ है, तो भविष्य में भी सी-सेक्शन की आवश्यकता हो सकती है।
- अन्य जटिलताएं: गर्भावस्था से जुड़ी अन्य जटिलताओं जैसे कि गर्भाशय का फटना, गर्भाशय ग्रीवा का खुलना में समस्या, या मां में कोई संक्रमण होने पर LSCS किया जा सकता है।
LSCS कैसे किया जाता है?
LSCS एक शल्यक्रिया है जिसे अस्पताल में किया जाता है। इस प्रक्रिया में निम्नलिखित चरण शामिल होते हैं
- निश्चेतक: मरीज को स्थानीय या महासंवेदनाशक दिया जाता है।
- चीरा: गर्भाशय के निचले हिस्से में एक चीरा लगाया जाता है।
- शिशु को बाहर निकालना: चीरा लगाने के बाद, शिशु को गर्भाशय से बाहर निकाला जाता है।
- प्लेसेंटा को हटाना: शिशु के जन्म के बाद, प्लेसेंटा को भी हटा दिया जाता है।
- चीरा को बंद करना: चीरे को टांकों से बंद कर दिया जाता है।
LSCS के लाभ
- जीवन रक्षक: कई मामलों में, LSCS मां और बच्चे दोनों के जीवन को बचा सकता है।
- जटिलताओं को रोकना: LSCS कुछ जटिलताओं को रोकने में मदद कर सकता है, जैसे कि गर्भाशय का फटना या शिशु को ऑक्सीजन की कमी।
- योजनाबद्ध प्रसव: LSCS को पहले से योजना बनाया जा सकता है, जिससे माता-पिता को मानसिक रूप से तैयार होने का समय मिल जाता है।
LSCS के जोखिम
- संक्रमण: किसी भी सर्जरी की तरह, LSCS से संक्रमण का खतरा होता है।
- रक्तस्राव: सर्जरी के दौरान या बाद में रक्तस्राव हो सकता है।
- अन्य जटिलताएं: LSCS से अन्य जटिलताएं भी हो सकती हैं, जैसे कि थक्का बनना, मूत्राशय या आंतों को क्षति पहुंचना।
LSCS का निष्कर्ष
LSCS एक महत्वपूर्ण शल्यक्रिया है जो मां और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य को बचाने में मदद कर सकती है। हालांकि, किसी भी सर्जरी की तरह, LSCS के कुछ जोखिम भी होते हैं। इसलिए, LSCS करवाने से पहले अपने डॉक्टर से सभी संभावित जोखिमों और लाभों के बारे में बात करना महत्वपूर्ण है।
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FAQs
LSCS का पूरा नाम क्या है?
LSCS का पूरा नाम लोअर सेगमेंट सिजेरियन सेक्शन है।
LSCS क्यों किया जाता है?
LSCS मां या बच्चे के स्वास्थ्य के लिए खतरा होने पर, प्रसव में देरी होने पर, शिशु का बड़ा आकार होने पर या अन्य जटिलताओं के कारण किया जाता है।
LSCS कैसे किया जाता है?
LSCS में गर्भाशय के निचले हिस्से में एक चीरा लगाया जाता है और शिशु को बाहर निकाला जाता है।
LSCS के लाभ क्या हैं?
LSCS जीवन रक्षक हो सकता है, जटिलताओं को रोक सकता है और योजनाबद्ध प्रसव की अनुमति देता है।
LSCS के जोखिम क्या हैं?
LSCS के जोखिमों में संक्रमण, रक्तस्राव और अन्य जटिलताएं शामिल हैं।
LSCS के बाद कितने समय में ठीक हो सकती है?
LSCS के बाद ठीक होने में कुछ हफ्ते लग सकते हैं।
LSCS के बाद प्राकृतिक प्रसव संभव है?
कुछ मामलों में, LSCS के बाद प्राकृतिक प्रसव संभव हो सकता है, लेकिन यह डॉक्टर के मूल्यांकन पर निर्भर करता है।
LSCS के लिए कौन सा निश्चेतक दिया जाता है?
LSCS के लिए स्थानीय या महासंवेदनाशक दिया जा सकता है।
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