ST (अनुसूचित जनजातियाँ) भारत की सांस्कृतिक विरासत
ST Full Form in Hindi
ST Full Form in Hindi | अनुसूचित जनजातियाँ |
ST का परिचय
ST – भारत एक बहुसांस्कृतिक देश है, जहां विभिन्न जातियां, धर्म और भाषाएँ मिलकर एक समृद्ध सांस्कृतिक ताना-बाना बुनती हैं। इस विविधता में ST (अनुसूचित जनजातियाँ) (Scheduled Tribes, STs) एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। ये वे समुदाय हैं जो भारत के विभिन्न क्षेत्रों में सदियों से रहते आ रहे हैं और अपनी विशिष्ट संस्कृति, परंपराओं और जीवन शैली के लिए जाने जाते हैं।
ST (अनुसूचित जनजातियाँ) क्या हैं?
ST (अनुसूचित जनजातियाँ) वे समुदाय हैं जिन्हें भारत के संविधान की पांचवीं अनुसूची के तहत विशेष संरक्षण प्रदान किया गया है। इन समुदायों को सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक रूप से पिछड़ा माना जाता है और उन्हें मुख्यधारा में लाने के लिए सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार के कल्याणकारी कार्यक्रम चलाए जाते हैं।
ST (अनुसूचित जनजातियाँ) की विशेषताएँ
- सांस्कृतिक विविधता: भारत में अनुसूचित जनजातियों की संख्या बहुत अधिक है और प्रत्येक जनजाति की अपनी विशिष्ट संस्कृति, भाषा और रीति-रिवाज हैं।
- ग्रामीण जीवन: अधिकांश ST (अनुसूचित जनजातियाँ) ग्रामीण क्षेत्रों में रहती हैं और कृषि, वन उत्पादन और हस्तशिल्प जैसे पारंपरिक व्यवसायों से जुड़ी हुई हैं।
- सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़ा: ST (अनुसूचित जनजातियाँ) सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़ी मानी जाती हैं और उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के अवसरों की कमी का सामना करना पड़ता है।
- भौगोलिक रूप से अलग-थलग: कई ST (अनुसूचित जनजातियाँ) भौगोलिक रूप से अलग-थलग क्षेत्रों में रहती हैं, जिससे उन्हें मुख्यधारा से जोड़ना चुनौतीपूर्ण हो जाता है।
ST (अनुसूचित जनजातियाँ) के सामने चुनौतियाँ
- शिक्षा: अनुसूचित जनजाति के बच्चों के पास शिक्षा तक पहुंच सीमित होती है।
- स्वास्थ्य: अनुसूचित जनजातियों के लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी का सामना करना पड़ता है।
- रोजगार: अनुसूचित जनजातियों के लोगों के लिए रोजगार के अवसर सीमित हैं।
- भूमि अधिकार: कई अनुसूचित जनजातियों के लोगों के पास अपनी भूमि पर अधिकार नहीं है।
- सामाजिक भेदभाव: अनुसूचित जनजातियों को सामाजिक भेदभाव का सामना करना पड़ता है।
ST (अनुसूचित जनजातियाँ) के लिए सरकारी कार्यक्रम
सरकार अनुसूचित जनजातियों के कल्याण के लिए कई कार्यक्रम चला रही है, जिनमें शामिल हैं
- शिक्षा: छात्रवृत्ति, छात्रावास और विशेष शिक्षा कार्यक्रम।
- स्वास्थ्य: आयुष्मान भारत योजना और विशेष स्वास्थ्य शिविर।
- रोजगार: स्वरोजगार योजनाएं और कौशल विकास कार्यक्रम।
- आवास: आवास योजनाएं।
- सामाजिक सुरक्षा: पेंशन और अन्य सामाजिक सुरक्षा लाभ।
ST (अनुसूचित जनजातियाँ) के लिए भविष्य की दिशा
अनुसूचित जनजातियों के समग्र विकास के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं
- शिक्षा में निवेश: गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करके।
- स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार: स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार करके।
- रोजगार के अवसर सृजित करना: कुशल विकास कार्यक्रमों के माध्यम से।
- भूमि अधिकारों को सुरक्षित करना: भूमि अधिकारों को सुरक्षित करके।
- सामाजिक जागरूकता: सामाजिक जागरूकता फैलाकर।
FAQs ST (अनुसूचित जनजातियाँ) के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
ST (अनुसूचित जनजातियाँ) क्या हैं?
ST (अनुसूचित जनजातियाँ) वे समुदाय हैं जिन्हें भारत के संविधान की पांचवीं अनुसूची के तहत विशेष संरक्षण प्रदान किया गया है।
अनुसूचित जनजातियों की संख्या कितनी है?
भारत में अनुसूचित जनजातियों की संख्या बहुत अधिक है और ये देश के विभिन्न क्षेत्रों में रहती हैं।
अनुसूचित जनजातियों के सामने क्या चुनौतियाँ हैं?
अनुसूचित जनजातियों के सामने शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और भूमि अधिकार जैसी कई चुनौतियाँ हैं।
सरकार अनुसूचित जनजातियों के लिए क्या कर रही है?
सरकार अनुसूचित जनजातियों के कल्याण के लिए कई कार्यक्रम चला रही है, जैसे कि शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और आवास योजनाएं।
अनुसूचित जनजातियों का भविष्य कैसा होगा?
अनुसूचित जनजातियों का भविष्य उज्जवल होगा यदि सरकार उनके विकास के लिए लगातार प्रयास करती रहे।
ST (अनुसूचित जनजातियाँ) किस आधार पर निर्धारित की जाती हैं?
ST (अनुसूचित जनजातियाँ) सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक रूप से पिछड़ेपन के आधार पर निर्धारित की जाती हैं।
अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षण क्यों दिया जाता है?
अनुसूचित जनजातियों को सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़ा होने के कारण उन्हें मुख्यधारा में लाने के लिए आरक्षण दिया जाता है।
ST (अनुसूचित जनजातियाँ) भारत की संस्कृति में कैसे योगदान देती हैं?
ST (अनुसूचित जनजातियाँ) अपनी विशिष्ट संस्कृति, परंपराओं और कलाओं के माध्यम से भारत की संस्कृति में समृद्धि लाती हैं।
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ST (अनुसूचित जनजातियाँ) का निष्कर्ष
ST (अनुसूचित जनजातियाँ) भारत की सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। इन समुदायों को उनके अधिकारों और कल्याण के लिए लड़ना होगा। सरकार को भी इन समुदायों के विकास के लिए और अधिक प्रयास करने चाहिए। अनुसूचित जनजातियों का समग्र विकास भारत के समग्र विकास के लिए आवश्यक है।
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