झारखंड भाषा खतियान संघर्ष समिति (JBKSS)
jbkss ka full form
JBKSS Full Form in Hindi
JBKSS Full Form in Hindi | झारखंड भाषा खतियान संघर्ष समिति |
JBKSS एक संक्षिप्त परिचय
jbkss ka full form – झारखंड भाषा खतियान संघर्ष समिति (JBKSS) एक सामाजिक और राजनीतिक संगठन है जो झारखंड राज्य में रहने वाले आदिवासी और मूल निवासियों के हितों की रक्षा के लिए काम करता है। यह संगठन विशेष रूप से झारखंडी भाषा और खतियान (जमीन के दस्तावेज) से जुड़े मुद्दों पर सक्रिय है।
JBKSS का गठन और उद्देश्य
JBKSS का गठन झारखंड राज्य के गठन के बाद हुआ था। इसका मुख्य उद्देश्य झारखंडी भाषा को राज्य की आधिकारिक भाषा का दर्जा दिलाना और आदिवासियों के पारंपरिक अधिकारों की रक्षा करना है। संगठन का मानना है कि खतियान आदिवासियों के लिए जमीन का सबूत है और इसे कानूनी मान्यता मिलनी चाहिए।
JBKSS के प्रमुख मुद्दे
- झारखंडी भाषा: JBKSS झारखंडी भाषा को राज्य की आधिकारिक भाषा का दर्जा दिलाने के लिए लगातार संघर्ष कर रहा है। संगठन का मानना है कि झारखंडी भाषा राज्य की संस्कृति और पहचान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
- खतियान: JBKSS खतियान को कानूनी मान्यता दिलाने के लिए भी संघर्ष कर रहा है। संगठन का मानना है कि खतियान आदिवासियों के लिए जमीन का सबूत है और इसे रद्द नहीं किया जा सकता है।
- आदिवासियों के अधिकार: JBKSS आदिवासियों के पारंपरिक अधिकारों की रक्षा के लिए भी काम करता है। संगठन का मानना है कि आदिवासियों को उनके जंगलों और भूमि पर अधिकार होना चाहिए।
- विकास के मुद्दे: JBKSS झारखंड के विकास के मुद्दों पर भी ध्यान देता है। संगठन का मानना है कि विकास के कामों में स्थानीय लोगों की भागीदारी होनी चाहिए और उनके हितों का ध्यान रखा जाना चाहिए।
JBKSS की कार्यप्रणाली
JBKSS विभिन्न तरीकों से अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए काम करता है। इनमें शामिल हैं
- आंदोलन: JBKSS समय-समय पर सरकार के खिलाफ आंदोलन करता है।
- जागरूकता अभियान: संगठन आदिवासियों को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करता है।
- कानूनी लड़ाई: JBKSS अदालत में मुकदमे लड़ता है।
- सरकार के साथ बातचीत: संगठन सरकार के साथ बातचीत करके अपनी मांगें मनवाने की कोशिश करता है।
JBKSS का महत्व
JBKझारखंड में आदिवासियों के हितों की रक्षा के लिए JBKSS का बहुत महत्व है। यह संगठन आदिवासियों की आवाज को सरकार और समाज के सामने उठाता है। JBKSS के प्रयासों से झारखंडी भाषा और खतियान को लेकर सरकार को कई महत्वपूर्ण फैसले लेने पड़े हैं।
JBKSS का निष्कर्ष
JBKSS झारखंड में आदिवासियों के लिए एक महत्वपूर्ण संगठन है। यह संगठन झारखंडी भाषा और खतियान जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर लगातार संघर्ष कर रहा है। JBKSS के प्रयासों से झारखंड के आदिवासियों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूकता मिली है और उन्हें अपनी मांगों को मनवाने में मदद मिली है।
YouTube Link
https://youtu.be/1uxcbY7YXEw?si=yj6jRSM4pnZ7fVdV
FAQs
JBKSS का पूरा नाम क्या है?
JBKSS का पूरा नाम झारखंड भाषा खतियान संघर्ष समिति है।
JBKSS का गठन क्यों किया गया था?
JBKSS का गठन झारखंड राज्य में रहने वाले आदिवासी और मूल निवासियों के हितों की रक्षा के लिए किया गया था।
JBKSS के प्रमुख मुद्दे क्या हैं?
JBKSS के प्रमुख मुद्दों में झारखंडी भाषा को राज्य की आधिकारिक भाषा का दर्जा दिलाना, खतियान को कानूनी मान्यता दिलाना और आदिवासियों के पारंपरिक अधिकारों की रक्षा करना शामिल है।
JBKSS कैसे काम करता है?
JBKSS आंदोलन, जागरूकता अभियान, कानूनी लड़ाई और सरकार के साथ बातचीत करके अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए काम करता है।
JBKSS का महत्व क्या है?
उत्तर: JBKSS झारखंड में आदिवासियों के हितों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण संगठन है। यह संगठन आदिवासियों की आवाज को सरकार और समाज के सामने उठाता है।
JBKSS ने क्या उपलब्धियां हासिल की हैं?
JBKSS ने झारखंडी भाषा और खतियान के मुद्दे पर कई उपलब्धियां हासिल की हैं। संगठन के प्रयासों से सरकार को कई महत्वपूर्ण फैसले लेने पड़े हैं।
JBKSS का भविष्य क्या है?
JBKSS का भविष्य झारखंड में आदिवासियों के अधिकारों के लिए लड़ाई जारी रखने का है। संगठन का लक्ष्य है कि झारखंड में आदिवासी समुदाय को उनके अधिकार मिलें और वे समाज के मुख्य धारा में शामिल हों।
आप JBKSS को कैसे समर्थन कर सकते हैं?
आप JBKSS को दान देकर, स्वयंसेवा करके या संगठन के अभियानों में भाग लेकर समर्थन कर सकते हैं।
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